कानपुर के फ़रार अपराधी विकास दुबे का एक मुठभेड़ में ख़ात्मा हो गया। आठ पुलिसवालों की हत्या करके भागे विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार करके लाया जा रहा था। कानपुर में अपने इलाके में विकास दुबे आतंक का दूसरा नाम हुआ करता था। उसकी मौत से इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है। पहली बार लोग खुलकर उसकी करतूतों के बारे में बोल पा रहे हैं। विकास दुबे की ऐसी ही कुछ कहानियां सामने आ रही हैं। जिनसे पता चलता है कि वो कोई सामान्य अपराधी नहीं, बल्कि साइको-किलर यानी सनकी हत्यारा था।
अपने ही प्रिंसिपल की हत्या की
विकास दुबे आठवीं से लेकर 12वीं तक जिस स्कूल में पढ़ा, उसके प्रिंसिपल साहब सिद्धेश्वर पांडेय की उसने अपने हाथों से बर्बर तरीक़े से हत्या की थी। सिद्धेश्वर पांडेय उसे अपना बेटा मानते थे। लेकिन उसकी नज़र स्कूल की ज़मीन पर पड़ गई। प्रिंसिपल के बेटे राजेंद्र पांडेय ने मीडिया से बताया कि विकास दुबे ने उनके पिता को तड़पा-तड़पाकर स्कूल में ही मार डाला था। वो अपनी जान बख्शने के लिए गिड़गिड़ाते रहे थे, लेकिन विकास ने उनकी एक नहीं सुनी। हत्या के बाद उसने उनके खून को अपने हाथों पर मला था। इस घटना के बाद ही इलाक़े में उसका आतंक स्थापित हो गया था। किसी ने इस हत्याकांड में उसके ख़िलाफ़ गवाही देने की हिम्मत नहीं की थी।
किडनैपिंग करके की थी शादी
यह बात भी सामने आई है कि विकास दुबे ने अपनी पत्नी को भी किडनैप करके उससे जबरन शादी की थी। उसकी पत्नी रिचा दुबे दरअसल रिचा निगम है, जो कि जाति से कायस्थ है। उसके भाई ने पुलिस को बताया है कि वो अपने ग़लत धंधों के लिए ससुराल के सदस्यों का भी इस्तेमाल करता था। यहाँ तक कि उनके घर पर भी उसने क़ब्ज़ा कर लिया था। बाद में डरके मारे उन्हें कानपुर छोड़कर एमपी के शहडोल शिफ़्ट होना पड़ा था। विकास के साले ज्ञानेंद्र ने बताया कि बाद में उसकी बहन रिचा ने भी अपराध में साथ देना शुरू कर दिया। वो अब जिला पंचायत की सदस्य है और लखनऊ में रहती है।
कई लड़कियों का किया अपहरण
विकास दुबे अपने गिरोह के कई गुंडों की शादी जबरन कराया करता था। उसके भतीजे अमर दुबे को भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। पता चल रहा है कि अमर दुबे की 9 दिन पहले ही शादी हुई थी। इलाक़े में ही कॉलेज जाने वाली एक ब्राह्मण लड़की पर उसकी नज़र टिक गई थी। विकास दुबे ने लड़की को जबरन उठवा लिया और अपने ही घर पर अमर दुबे से उसकी शादी करवा दी।

उलटा लटकाकर करता था पिटाई
कानपुर के ही बिकरू गाँव में रोली शुक्ला नाम की एक महिला से किसी बात पर उसका झगड़ा हो गया था। उसने अपने गुंडे भेजकर रोली शुक्ला और उनके पति को घर में बच्चों के सामने बुरी तरह पिटवाया था। रोली के पति को उल्टा लटका कर गुंडे काफ़ी देर तक मारते रहे थे। वो घटना यहाँ के लोग आज भी याद करते हैं। उनका कहना है कि अपराध करते समय उसके सिर पर खून सवार हो जाता था। वो बिल्कुल फ़िल्मी खलनायकों जैसा बर्ताव करने लगता था।
विरोधियों को डराकर जीता चुनाव
विकास दुबे ने अपनी पत्नी ऋचा दुबे को जिला पंचायत चुनाव में उतारा था। इस चुनाव में जिसने भी उसके विरोध में खड़े होने की कोशिश की, उन सभी को विकास दुबे के क़हर का सामना करना पड़ा। बिल्हौर में रहने वाले शिवचरण बताते हैं कि कई लोगों को उसने किडनैप करके अपने ही घर में रखा था। नतीजा यह हुआ कि कोई भी चुनाव में उसके ख़िलाफ़ उतरने की हिम्मत नहीं करता।
बेटे को पढ़ने के लिए विदेश भेजा
विकास दुबे ने भले ही अपनी और अपने क़रीबियों की ज़िंदगी चौपट कर डाली हो, लेकिन उसने अपने बेटों का करियर बनाने में कसर नहीं छोड़ी। उसने अपने बड़े बेटे को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेज रखा है। बेटा वहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। जबकि दूसरा बेटा पत्नी के साथ लखनऊ में रहता है। ये एक शातिर बदमाश का ही दिमाग था कि उसने अपने पैतृक गांव को ही अपनी कर्मस्थली बनाए रखा और वहां पर अपना नेटवर्क मजबूत किया हुआ था।
फ़िलहाल विकास दुबे की मौत से उसके गाँव में लोगों ने राहत की सांस ली है। गाँव में लोगों ने इस ख़ुशी में मिठाइयाँ बाँटी।
Kanpur: People in Bikaru village distribute sweets after history-sheeter #VikasDubey was killed in police encounter today. Locals say, "This entire area is very happy today. It feels as if we are finally free. This is the end of an era of terror. Everyone is very happy." pic.twitter.com/0K03aR5MBF
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
(न्यूज़लूज़ टीम)