चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक़ आज़ादी के समय भारत और चीन के रिश्तों से जुड़ी सारी टॉप सीक्रेट बातें तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आख़िरी गवर्नरल लॉर्ड माउंटबेटेन की पत्नी एडविना के साथ शेयर किया करते थे। नेहरू और एडविना के रिश्तों की करीबी किसी से छिपी नहीं हुई है। नेहरू का ये राज पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के सबसे पुराने नेताओं में से एक नटवर सिंह ने अपनी किताब में खोला है। इसके मुताबिक़ नेहरू ने लेडी माउंटबेटेन को चीन से जुड़े देश के सारे सीक्रेट बता दिए थे। जिसका नतीजा हुआ कि चीन ने कुछ ही साल के अंदर पहले तिब्बत और फिर भारत के अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया। वरिष्ठ पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव ने इस बारे में कुछ बेहद अहम तथ्य सार्वजनिक किए हैं। (नीचे वीडियो देखें) यह भी पढ़ें: नेहरू की इन 10 करतूतों का आपको पता तक नहीं होगा
एडविना पर नटवर सिंह का खुलासा
माउंटबेटन की खूबसूरत बीवी एडविना पर सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी का एजेंट होने का शक जताया जाता है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने 1951 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि “वामपंथी विचारों वाली लेडी माउंटबेटन ने नेहरू के दिमाग पर कब्जा कर रखा है। नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘वन लाइफ़ इज़ नॉट एनफ’ में लिखा है कि “1954 में नेहरू ने चीन यात्रा से लौटने के बाद कैबिनेट के बजाय पहले एडविना को यात्रा में हुई बातों की जानकारी दी थी।” नटवर सिंह ने इसे पद और गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन बताया है। क्योंकि इस पत्र में उन्होंने चीन के नेताओं से अपनी बातचीत का एक-एक ब्यौरा दिया है। यह भी पढ़ें: नेहरू की सनक की 5 अनसुनी कहानियां
कांग्रेसी रामचंद्र गुहा ने भी खोली पोल
नटवर सिंह को कुछ लोग कांग्रेस से नाराज़ नेता कहकर ख़ारिज कर सकते हैं। लेकिन इसी घटना का ज़िक्र कांग्रेस के करीबी वामपंथी इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी अपनी किताब ‘भारत गांधी के बाद’ में यात्रा से लौटने के बाद कोलकाता में नेहरू की रैली के बारे में बताया है। उन्होंने लिखा है “रैली में आई भारी भीड़ को संबोधित करते हुए नेहरू ने चीन की धर्मनिरपेक्षता की तारीफ़ों के पुल बांधे।” जबकि इस समय तक तिब्बत में बौद्ध लोगों के नरसंहार का काम शुरू हो चुका था। इससे पता चलता है कि नेहरू किस हद तक चीन के जाल में फँस चुके थे। यह भी पढ़ें: जब नेहरू के कारण फुटबॉल वर्ल्ड कप में नहीं जा पाया था भारत
वामपंथी विचारों वाली थी एडविना
यह बात अमेरिकी दूतावास की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि नेहरू एडविना के प्रभाव में हैं और वो उन्हें चीन और रुस का करीबी बना रही है। एडविना का नेहरू पर असर कितना गहरा था आप इसी से समझ सकते हैं कि आज़ादी के बाद जब सरदार पटेल ने भारत के ख़िलाफ़ विद्रोह करने के आरोप में वामपंथी दलों पर पाबंदी लगा दी और उनके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया तो उन्हें छुड़ाने के लिए एडविना ने नेहरू को चिट्ठी लिखी थी। यह भी पढ़ें: नेहरू की गलती से आज चीन में है कैलाश मानसरोवर
नेहरू की ये पूरी कहानी विस्तार से जानने के लिए आप पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव का ये वीडियो देख सकते हैं:
(न्यूज़लूज़ टीम)