दिल्ली के चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा को आख़िरकार सज़ा से छुटकारा मिल गया। वो अपनी 14 साल की आजीवन कारावास की सज़ा पूरी होने से 3 साल पहले ही छूट गया। दिल्ली सरकार के सज़ा समीक्षा बोर्ड यानी सेंटेंस रीव्यू बोर्ड की सिफ़ारिश पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुहर लगा दी। मनु शर्मा अभी भी पैरोल पर छूटकर खुली हवा में सांस ले रहा था। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि दिल्ली सरकार ने मनु शर्मा को उसके ‘अच्छे आचरण’ के कारण रिहा करने की सिफ़ारिश की थी। दिल्ली सरकार के इस फ़ैसले को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि एक पैसे वाले अपराधी को समय से पहले अगर इस तरह से छोड़ दिया जाएगा तो न्याय का मतलब क्या रह जाता है?
किस बात की थी जल्दीबाज़ी?
मनु शर्मा की रिहाई के लिए उसके परिवार वाले जितने परेशान नहीं रहे होंगे, उससे कहीं ज़्यादा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्दीबाज़ी में थे। पिछले 5 साल में पांच बार मनु शर्मा की रिहाई के लिए सजा समीक्षा बोर्ड ने सिफारिश की थी लेकिन उसको पर अलग-अलग कारणों से मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। हालांकि जेसिका काल की बहन सबरीना लाल ने पहले ही कह दिया था कि अगर मनु शर्मा को रिहा किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं। हालाँकि बहन के इस माफीनामे का कोई क़ानूनी महत्व नहीं। मनु शर्मा को जिस उदारता के साथ पैरोल दे दी जाती थी उसे लेकर भी केजरीवाल सरकार सवालों के घेरे में है। क्योंकि सज़ा का लगभग 2 साल उसने पैरोल पर बाहर ही बिताया। मनु शर्मा के पिता विनोद शर्मा हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता थे और उनका परिवार बहुत रईस है। केजरीवाल भी हरियाणा के रहने वाले हैं। यह सवाल उठ रहा है कि मुख्यमंत्री के तौर पर इस नरमी के पीछे कहीं कोई लाभ तो नहीं लिया गया? क्योंकि मनु शर्मा को बचाने के लिए उसके परिवार पर पहले भी बेहिसाब पैसा खर्च करने का आरोप लग चुका है।
क्या था जेसिका लाल हत्याकांड?
29 अप्रैल 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में मशहूर मॉडल जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जेसिका लाल ने तब के कांग्रेस के दिग्गज नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को शराब परोसने से मना कर दिया था जिसके बाद उसने अपनी पिस्तौल निकालकर गोली मार दी थी। इस केस में पैसे का ऐसा ज़ोर चला कि निचली अदालत ने मनु शर्मा को बरी ही कर दिया था। लेकिन जब जनता का दबाव बढ़ा तब जाकर अदालतों को भी न्याय देने के लिए मजबूर होना पड़ा। 2006 में मनु शर्मा को जेसिका लाल की हत्या का दोषी करार दिया गया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सोशल मीडिया पर कई लोग इस फ़ैसले पर सवाल उठा रहे हैं।
दिल्ली की नक्सली @ArvindKejriwal की सरकार का एक और महिला विरोधी फैसला, दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने करी जेसिका लाल हत्याकांड के आरोपी मनु शर्मा की सजा खत्म करने की सिफारिश, क्या @SwatiJaiHind एक महिला होने के नाते अनशन पर बैठेंगी, या सिर्फ केजरीवाल की कठपुतली रहेंगी? pic.twitter.com/I99VaJHTh3
— Abhishek Acharya Kulshrestha (@iAbhiAcharya) June 2, 2020
केजरीवाल ने जेसिका लाल के हत्यारे मनु शर्मा को तिहाड़ जेल से रिहा किया।
केजरीवाल ने महिला सुरक्षा को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर कुर्सी पाई, तीन बार सीएम भी बने, पर दिया सिर्फ धोखा।
मासूम महिलाओं के हत्यारे Manu Sharma को खुला छोड़कर क्या संदेश देना चाहते है केजरीवाल?
— Aniruddh Sharma (@AniruddhINC) June 2, 2020
जेसिकालाल की हत्या 1999 मैं हुई,2006 मैं जेसिका के हत्यारे मनुशर्मा को उम्र कैद की सजा मिली,कल केजरीवाल सरकार ने मनुशर्मा को रिहा करने की सिफारिश की, इस सिफारिश को राज्यपाल ने स्वीकार भी कर लिया है,एक महिला का हत्यारा महज 15 साल मैं आजाद हो जाएगा
(महिला सुरक्षा सिर्फ नारों तक है)— गजल और शायरी कभी कभी (@SirfShayri) June 2, 2020
(न्यूज़लूज़ टीम)