दिल्ली के शाहीन बाग़ में बुर्का पहनकर वीडियो बना रही गुंजा कपूर नाम की लड़की का सच भी सामने आ गया है। पता चला है कि वो कांग्रेस की समर्थक है और कुछ महीने पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर ज़हर उगला करती थी। 2019 में बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने के बाद उसने रंग बदला और अचानक “राष्ट्रवादी” और “हिंदुत्ववादी” बन गई। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने गुंजा कपूर के पुराने ट्वीट के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। जिनसे पता चलता है कि उनका हिंदुत्ववाद या बीजेपी का समर्थक होना सिर्फ़ मौकापरस्ती है। गुंजा कपूर ख़ुद को यूट्यूब वीडियो बनाने वाला बताती हैं और सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं। इसी साल 1 जनवरी के दिन पीएम नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल ने उनको भी फ़ॉलो किया था। गुंजा कपूर की राजनीतिक विचारधारा से पता चलता है कि बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने से कैसे कांग्रेसी और वामपंथी रंग बदलने लगे हैं ताकि वो सत्ता की मलाई खा सकें। यह भी पढ़ें: चुनाव हारे तो जेल जाएंगे केजरीवाल!, जानिए 5 बड़े आरोप
गुंजा कपूर को लेकर है संदेह
अब ख़ुद को मोदी-भक्त बताने वाली गुंजा कपूर 2019 के चुनाव से पहले तक न सिर्फ़ घनघोर मोदी विरोधी थीं, बल्कि वो कांग्रेस पार्टी में पूरी तरह से सक्रिय थीं। राहुल गांधी, सचिन पायलट समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। 19 मई 2015 को गुंजा कपूर ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि “मैं शर्मिंदा हूँ कि नरेंद्र मोदी मेरे प्रधानमंत्री हैं, मैं 2019 के चुनाव तक का इंतज़ार नहीं कर सकती।” इसके बाद 2017 में उसने अपने ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना जनरल डायर से की है। ये सारे ट्वीट आप इसी पोस्ट में नीचे देख सकते हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर यह बात लिखी है कि गुंजा को उम्मीद थी कि 2019 में मोदी चुनाव हार जाएँगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसके बाद उन्होंने अपना सियासी रंग बदल लिया। इसके साथ यह भी सवाल पूछे जा रहे हैं कि कहीं कांग्रेस या आम आदमी पार्टी ने ही तो बुर्का पहनाकर उन्हें शाहीन बाग़ नहीं भिजवाया था ताकि इस बहाने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कपिल गुर्जर से ध्यान हटाया जा सके। यह भी पढ़ें: केजरीवाल के हाथों ठगे गए एक अमेरिकी डॉक्टर की कहानी
हिंदू होने के कारण बदसलूकी
ट्विटर पर ही कई लोगों ने लिखा है कि हो सकता है कि गुंजा कपूर मौक़ापरस्ती और सियासी फ़ायदे के लिए बीजेपी समर्थक बनी हों, लेकिन अब उन्हें असलियत का अंदाज़ा हो गया होगा। शाहीन बाग़ में पहचाने जाने के बाद उनके साथ जो कुछ हुआ वो अपने-आप में हैरान करने वाला है। कुछ चश्मदीदों ने बताया है कि शाहीन बाग़ में न सिर्फ़ गुंजा कपूर को मारा-पीटा गया, बल्कि उनका फ़ोन और कुछ कैश भी चुरा लिया गया। भीड़ ने उनको बंधक बनाने की भी कोशिश की ताकि उन्हें छोड़ने के नाम पर सरकार और पुलिस के साथ मोलभाव किया जा सके। गुंजा कपूर ने अपनी विचारधारा किस कारण से बदली थी ये तो उन्हें ही पता होगा, लेकिन शाहीन बाग़ में जिहादी भीड़ ने उनके साथ जिस तरह का सलूक किया इतना तय है कि सेकलुरिज्म का बचा-खुचा भूत भी उतर गया होगा।
गुंजा कपूर की सच्चाई क्या है ये फ़िलहाल कोई नहीं जानता। लेकिन उनके इतिहास को देखते हुए उन पर शक की काफ़ी वजहें हैं। जिस तरह से कपिल गुर्जर नाम के आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता को “हिंदुत्ववादी” बनाकर शाहीन बाग़ में गोलियाँ चलवाई गईं, उससे भी यह बात तय है कि गुंजा कपूर या उनके जैसा कोई भी चेहरा संदिग्ध हो सकता है और उन पर इतनी आसानी से भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए अगर बाद में कभी पता चले कि गुंजा कपूर को शाहीन बाग़ भेजने वाला कोई और ही था। ज़ाहिर है इस पूरे तमाशे से बीजेपी को कोई फ़ायदा नहीं, बल्कि नुक़सान ही हुआ है। यह भी पढ़ें: जानिए कैसे केजरीवाल सरकार के कारण बच रहे हैं निर्भया के बलात्कारी