मुस्लिम औरतों की इस्लाम से बगावत का सिलसिला जारी है। थाईलैंड के बैंकॉक एयरपोर्ट पर इस रविवार को सऊदी अरब की 18 साल की एक लड़की को पकड़ा गया है, जो अपना घर-परिवार छोड़कर ऑस्ट्रेलिया भाग रही थी। दरअसल ये इकलौता मामला नहीं है। सऊदी सरकार के अनुमानों के मुताबिक हर साल 850 से 3000 लड़कियां सऊदी अरब से भाग जाती हैं। सऊदी अरब ही नहीं, बीते एक दशक में हजारों की संख्या में खाड़ी के दूसरे इस्लामी देशों में रहने वाली मुस्लिम लड़कियां अपने परिवार, देश और मजहब को छोड़कर भागी हैं। इनमें से ज्यादातर का कहना है कि कट्टरपंथी इस्लामी तौर-तरीकों के कारण उनका दम घुट रहा था और वो किसी सुरक्षित देश में आजाद जिंदगी जीना चाहती हैं। पहले ऐसी ज्यादातर लड़कियां ब्रिटेन और यूरोपीय देश जाना पसंद करती थीं, लेकिन बीते कुछ सालों में वहां भी इस्लाम के बढ़ते खतरे को देखते हुए वो ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड जैसे देशों में भागना पसंद कर रही हैं। न्यूज़लूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक खाड़ी देशों की कुछ लड़कियां पहचान बदलकर भारत और पूर्वी एशिया के देशों में भी रह रही हैं। इसके अलावा खाड़ी देशों से पढ़ाई के लिए दूसरे देशों में जाने वाली करीब 90 फीसदी मुस्लिम लड़कियां वापस कभी अपने मुल्क नहीं लौटतीं। फिलहाल थाईलैंड में सामने आए ताजा मामले ने इस्लाम की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह भी पढ़ें: इस्लाम छोड़कर एक्स-मुस्लिम क्यों बन रहे हैं लोग?
कैसे थाईलैंड पहुंची सऊदी लड़की?
राहफ़ मोहम्मद अल कुकन नाम की ये लड़की अपने परिवार के साथ कुवैत गई थी, लेकिन वहां से उसने थाईलैंड होते हुए ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट पकड़ ली। जिसके बाद सऊदी और कुवैत अधिकारियों ने उसे बैंकॉक एयरपोर्ट पर रोक लिया। उन्होंने उसकी यात्रा के दस्तावेज भी छीन लिए। जिसके बाद राहफ ने खुद को एयरपोर्ट के होटल के कमरे में बंद कर लिया। ये सारा ड्रामा करीब 20 घंटे तक चला। बैंकॉक एमिग्रेशन पुलिस के आगे दी अर्जी में राहफ़ मोहम्मद ने बताया कि मैंने इस्लाम छोड़ दिया है और अब अगर मुझे वापस अपने देश भेजा गया तो वहां पर मेरा परिवार मुझे कत्ल कर देगा। उसने यह भी बताया कि अपने बाल काटने पर उसे कोड़ों से पीटा गया और कई महीने तक अपने ही घर में बंधक रखा गया। राहफ़ की इस दलील को थाईलैंड सरकार ने मान लिया है और कहा है कि उन्हें वापस नहीं भेजा जाएगा। इस पूरी लड़ाई में राहफ के साथ उसके दोस्त भी थे, जिन्होंने ट्विटर पर #SaveRahaf हैशटैग के साथ उसके लिए अभियान चलाया। राहफ़ के चचेरे भाई ने ट्विटर पर उनका गला काटने तक की धमकी दे डाली है। ऐसी खबरें हैं कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने जांच-पड़ताल की कुछ जरूरी औपचारिकताओं के बाद राहफ़ मोहम्मद को राजनयिक शरण देने का भरोसा दिया है। इसके अलावा यूएन ने उसे शरणार्थी का दर्जा देने का एलान कर दिया है। यह भी पढ़ें: एक मुस्लिम लड़की जो इस्लाम छोड़कर इंसान बन गई
क्यों इस्लाम छोड़ रही हैं लड़कियां
दरअसल सऊदी अरब पूरी तरह से इस्लामी शरीयत कानून से चलता है। इसके तहत महिलाओं को कोई फैसला करने का अधिकार नहीं है। उनके फैसले कोई पुरुष ही कर सकता है। इसके कारण तरह-तरह की सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं। वो लड़कियां जो सोच-समझ सकती हैं और अपने लिए बेहतर भविष्य की कल्पना करती हैं वो बंद इस्लामी समाज में खुद को बंधा हुआ पाती हैं। अगर वो इसके खिलाफ कभी आवाज उठाती हैं तो मां-बाप, भाइयों और दूसरे रिश्तेदारों की हिंसा का शिकार होना पड़ता है। खास बात है कि लड़की अपने खिलाफ मारपीट की शिकायत भी पुलिस को नहीं कर सकती, क्योंकि कानूनन पुलिस वही बात मानेगी जो उसके अभिभावक यानी गार्जियन कहेंगे। लड़कियों के सड़क और बाजारों में आने-जाने पर भी तरह-तरह की पाबंदियां हैं। घुटन इतनी अधिक है कि सऊदी अरब में पिछले कुछ साल में लड़कियों के ड्रग्स एडिक्ट होने के मामले कई गुना बढ़े हैं। सोशल मीडिया ने इन लड़कियों को काफी आजादी दी है। इसके जरिए वो कम से कम बाहरी दुनिया में लोगों को दोस्त बना सकती हैं और उनसे बातें कर सकती हैं। राहफ़ मोहम्मद का मामला भी ऐसा ही है। वो लगातार ट्विटर पर अपनी कहानियां साझा कर रही थी, जिसके कारण उसके दुनिया भर में ढेरों शुभचिंतक बन गए। यह भी पढ़ें: मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा, पढ़ें एक पूर्व-मुस्लिम का पत्र

I’m afraid, my family WILL kill me. #فتاه_تايلند
— Rahaf Mohammed رهف محمد القنون (@rahaf84427714) January 5, 2019
Video from @rahaf84427714 just sent from her hotel room at the #Bangkok airport. She has barricaded herself in the room & says she will not leave until she is able to see #UNHCR. Why is #Thailand not letting @Refugees see her for refugee status determination? @hrw #SaveRahaf pic.twitter.com/3lb2NDRsVG
— Phil Robertson (@Reaproy) January 7, 2019

दरअसल राहफ़ के मामले ने 2017 में सऊदी अरब की ही 24 साल की लड़की दीना अली लसलूम के मामले की याद दिला दी है। उसने फिलीपींस के रास्ते ऑस्ट्रेलिया भागने की कोशिश की थी। लेकिन मनीला एयरपोर्ट पर उसे सऊदी अधिकारियों ने दबोच लिया था। कहते हैं कि उन्होंने वहां के अधिकारियों को मोटी रकम बतौर रिश्वत दी, जिसके कारण फिलिपींस की सरकार ने दीना अली की मदद करने के बजाय उसे उसके परिवार को सौंप दिया। परिवार वाले उसे अपने साथ वापस सऊदी अरब ले गए। मनीला एयरपोर्ट पर दीना अली ने कनाडा के एक पर्यटक के फोन से वीडियो मैसेज किया कि अब मेरा परिवार मुझे मार डालेगा। इस ट्वीट के बाद उसका कहीं कोई पता नहीं चला। दुनिया भर की मानवाधिकार एजेंसियां सऊदी सरकार से उसके बारे में पूछताछ कर चुकी हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस लिहाज से राहफ़ मोहम्मद किस्मत वाली निकली जो फिलहाल सुरक्षित है। यह भी पढ़ें: आइने में शक्ल देखे इस्लाम, डरावनी हो चली है
