बंगाल के 24 परगना जिले के बशीरहाट और बदुड़िया इलाकों में भड़की हिंसा में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। चश्मदीदों और मौके पर मौजूद लोगों का आरोप है कि ममता बनर्जी सरकार ने जिहादी दंगाइयों को 24 घंटे का वक्त दिया था कि वो अपना बदला ले सकें। बदुड़िया कस्बे में रहने वाले सौविक सरकार नाम के एक लड़के ने फेसबुक पर कुछ ऐसा पोस्ट किया था, जिसे इस्लामी जिहादियों ने अल्लाह का अपमान करार दिया, जिसके बाद ये सारा तमाशा शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि ममता सरकार के इशारे पर ही रात के वक्त घर के पास धान के खेतों से सौविक सरकार को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन जिहादी भीड़ को इतने से संतोष नहीं था। जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के जरिए यह तय हुआ कि लोगों को ‘गुस्सा निकालने’ के लिए थोड़ा वक्त दे दिया जाए। इस दौरान पुलिस और प्रशासन कुछ नहीं करेगा। (नीचे देखें वीडियो)
जिहादियों को थी पुलिस की शह!
ममता बनर्जी सरकार ने बशीरहाट और बदुड़िया, दोनों ही जगहों पर मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। लेकिन सोशल मीडिया के जरिए कुछ तस्वीरें बाहर आई हैं जो इस बात का सबूत हैं कि कैसे पुलिस ने जिहादी भीड़ को खुली छूट दे रखी थी। मुस्लिम दंगाई शहर में घूम-घूमकर हिंदुओं के मकान और दुकानें जला रहे थे लेकिन पुलिस दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी। हिंदू संहति संगठन के नेता तपन घोष ने कहा है कि ये ममता सरकार की जानी-पहचानी स्टाइल है। वो पहले मुसलमानों को हिंदुओं पर हमले करने की खुली छूट देती हैं और जब उनका दिल भर जाता है तो अपनी पार्टी से जुड़े किसी मौलाना को मौके पर भेजकर उसके जरिए शांति की स्थापना करवा देती हैं। धुलागढ़, कालियाचक की तरह यही काम वो बशीरहाट में भी कर रही हैं।
ममता ने केंद्रीय मदद नहीं ली
घटना की खबर मिलते ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी को फोन करके केंद्रीय बल भेजने का प्रस्ताव दिया। लेकिन ममता ने इससे इनकार कर दिया। रिपब्लिक चैनल ने इससे जुड़ा खुलासा किया है जिससे साफ होता है कि ममता ने जानबूझकर 24 घंटे तक केंद्रीय बलों को नहीं आने दिया, ताकि जिहादी अपना काम कर सकें। इसके पूरे 24 घंटे बाद मंगलवार की सुबह बीएसएफ की चार कंपनियों को बुलाया गया। इनकी तैनाती में भी यह ध्यान रखा गया कि उससे दंगाई मुसलमानों को कोई दिक्कत न हो। बशीरहाट में हिंदुओं की आबादी 78 फीसदी है, जबकि मुसलमान सिर्फ 22 फीसदी के आसपास हैं। बिना पुलिस की मदद के यह संभव ही नहीं था। आरोप तो यहां तक है कि पुलिस के इशारे पर ही दंगाइयों को रथयात्रा और काली मंदिर पर हमले की छूट मिली।
बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने ये वीडियो जारी किया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि जब जिहादी बदुरिया कस्बे में हिंदुओं के मकानों और दुकानों पर हमले बोल रहे थे तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस दूर-दूर तक नहीं थी।
Disturbing pics from Baduria , North 24 Parganas, West Bengal #Mamata and secular media r sleeping pic.twitter.com/D4r8KUldro
— Sidharth Nath Singh (@sidharthnsingh) July 5, 2017
बशीरहाट के एक परिवार ने हिंसा के दौरान हुई आपबीती सोशल मीडिया के जरिए बयान की है। सुनिए उनकी बात।
2000 Muslims attacked HINDU home in West Bengal”s Baduria /Basirhat in front of Police, and Police remained as mute spectator. Jihad mayhem pic.twitter.com/qa8XmcpLeF
— Oxomiya Jiyori?? (@SouleFacts) July 4, 2017
जिहादी हिंसा के दौरान बशीरहाट के बाजार से शव लेकर जा रहे मिनी ट्रक को भी शांतिदूतों ने आग के हवाले कर दिया।
Jehadi WB.No HariNaam,deadbody forced to back.Baduria PS set fire by Jihadis.@malviyamit @AmitShah @narendramodi @sudhirchaudhary @republic pic.twitter.com/u1c5y5sdMA
— Debjani Ghosh (@deb1996gh) July 4, 2017
जिस सौविक सरकार नाम के लड़के की फेसबुक पोस्ट पर हंगामा मचा। उसका घर जला दिया गया। सौविक बहुत गरीब परिवार का है और 11वीं क्लास में पढ़ता है। उसके बूढ़े मां-बाप और भाई-बहन को भी दंगाइयों ने बुरी तरह मारा-पीटा। पुलिस ने उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी।
Jihadis take law in their hand @ #Baduria Souvik s cottage was burnt though police arrested him.Jihadis asking for his head.Where R liberal pic.twitter.com/Rd1MXqTuU8
— Kinsuk P Biswas (@kinsukPbiswas) July 3, 2017
ये वीडियो बशीरहाट पुलिस थाने का है, जिसे दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया और पुलिसवाले चुपचाप तमाशा देखते रहे। उन्हें सख्त आदेश था कि गोली तो दूर लाठी तक नहीं चलानी है। जबकि इसी ममता बनर्जी सरकार ने दार्जिलिंग में हिंसा होते ही गोली चलाने का फैसला ले लिया था।
Hindu houses are in flames, public property vandalised, even Police Stations weren’t spared
Basirhat is in flames#BasirhatRiots @republic pic.twitter.com/ZxCXjd2lUB— Madhavi Mukherjee (@megha_writes) July 4, 2017