पाकिस्तानी फौज का एक सीनियर अफसर 2017 के अप्रैल महीने से गायब है। इसका नाम है- लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब ज़हीर। पाकिस्तान सरकार ने अब चिट्ठी लिखकर भारत सरकार से अपने अफसर की खोज-खबर के बारे में पूछा है। पाकिस्तानी फौज और वहां की सरकार को शक है कि हबीब ज़हीर को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने नेपाल से उठा लिया है। ये दरअसल आईएसआई के मिशन पर नेपाल आया था, जहां से वो भारत में सक्रिय अपने आतंकवादियों को फंडिंग करने वाला था। भारत सरकार औपचारिक तौर पर यही कहती रही है कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया में लगातार ये खबरें आ रही हैं कि दरअसल कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद भारत ने हबीब ज़हीर को दबोच लिया था, ताकि पाकिस्तान कुलभूषण का कुछ भी बिगाड़ न सके।
क्या है अंदर की खबर?
जानकारी के मुताबिक ये पाकिस्तानी फौजी अफसर नेपाल में अपने कुछ जासूसों से मिलने आया था। भारतीय खुफिया एजेंसियों को समय रहते इसकी भनक लग गई और उन्होंने नेपाल बॉर्डर के पास एक जगह से इस पाकिस्तानी फौजी अफसर को धर-दबोचा। अपने टॉप जासूसी अफसर के पकड़े जाने से पाकिस्तानी फौज अंदर तक हिल गई। आनन-फानन में उन्होंने अपने कब्जे में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सज़ा ए मौत का एलान कर डाला। ताकि बैकडोर से दोनों देशों के बीच सौदेबाजी हो सके और कुलभूषण जाधव के बदले में पाकिस्तान अपने फौजी अफसर को छुड़वा ले। लेकिन भारत ने कुलभूषण मामले में इंटरनेशनल कोर्ट में अपील कर दी। भारत के इस दांव को पाकिस्तान समझ नहीं सका। अब वो कुलभूषण को सजा भी नहीं दे सकता और अपने फौजी अफसर को छुड़ाने के लिए भारत से किसी भी तरह की सौदेबाजी करने की स्थिति में नहीं बचा।
पाकिस्तान में है खलबली
लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब के परिवार वाले दावा कर रहे हैं कि वो कारोबार के सिलसिले में नेपाल गए थे। उनके मुताबिक नेपाल पहुंचने के बाद हबीब ने एक सेल्फी भेजी थी। साथ ही कहा था कि मैं सेफ हूं। हबीब ने लाहौर से काठमांडू के लिए उड़ान भरी थी। इसके बाद वो भारत से लगी बुद्ध जन्मस्थली लुबंनी गए। इसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है। पाकिस्तान और भारत में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट करके इस बात की पुष्टि की है कि लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब का अपहरण हो चुका है। जब भारत ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी तो करीब डेढ़ महीने बाद पाकिस्तान को खुद ही पूछना पड़ा है कि कहीं उनका लेफ्टिनेंट कर्नल भारतीय एजेंसियों की गिरफ्त में तो नहीं है।
जाल में कैसे फंसा जासूस?
पाकिस्तानी सेना ने बीते महीने भर से गुमशुदा अफसर की तलाश में जमीन-आसमान एक कर रखा है। हमारी जानकारी के मुताबिक लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब दरअसल आईएसआई के मिशन पर था। उसे नेपाल तक लाने के लिए बाकायदा जाल बिछाया गया था, जिसमें वो फंस गया। इसके लिए उसे यूएन की किसी जॉब का ऑफर ईमेल के जरिए भेजा गया था। ऑफर के सिलसिले में लंदन में रहने वाले मार्क थॉमसन नाम के किसी शख्स का फोन उसके पास गया था। बाद की जांच में लंदन का वो नंबर भी फर्जी निकला। काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास के मुताबिक हबीब ने इस नौकरी के लिए वेबसाइट के जरिए अप्लाई किया था। गायब होने के बाद वो वेबसाइट और उसका ट्विटर हैंडल भी बंद हो चुके हैं। जिन-जिन नंबरों से हबीब की बात हुई वो सारे बंद हैं। पाकिस्तानी एजेंसियों को शक है कि ये सारा खेल भारत का था।
न्यूज़लूज़ पर हमने यह रिपोर्ट गुमशुदगी के कुछ दिन के अंदर ही 11 अप्रैल 2017 को पोस्ट की थी।
रिपोर्ट पढ़ें: कुलभूषण को कुछ नहीं होगा, कैद में है पाकिस्तानी जासूस