ढाका में खूनखराबा करने वाले आतंकवादी, सफेदपोश कट्टरपंथी जाकिर नाईक से प्रभावित थे, अब पता चला है कि कश्मीर के अनंतनाग में मारा गया हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी भी जाकिर नाईक का फैन था। आतंकवादी बुरहान वानी पढ़ा-लिखा था और ट्विटर से लेकर फेसबुक तक पर एक्टिव था। बुरहान वानी पिछले कुछ साल में कश्मीरी आतंकवादियों के बीच पोस्टर ब्वॉय बनकर उभरा था।
जाकिर नाईक के समर्थन में आखिरी ट्वीट
बुरहान वानी ने मरने से कुछ मिनट पहले अपने ट्विटर एकाउंट से जाकिर नाईक के समर्थन में यह ट्वीट किया है। इसमें उसने लिखा है कि ज़ाकिर नाईक को सपोर्ट करें, वरना एक दिन आएगा जब कुरान पढ़ने पर भी पाबंदी लग जाएगी।
Support Zakir Naik or Time Will Come When Qur’an Recitation will be Banned pic.twitter.com/pVfoSLnCEj
— Burhan Bhai (@Gazi_Burhan2) July 8, 2016
इस ट्वीट से एक दिन पहले 7 जुलाई को भी बुरहान ने ज़ाकिर नाईक के लिए एक ट्वीट किया था। इसमें उसने कश्मीर के कुछ अलगाववादी नेताओं के अलावा दिल्ली में एक मैगजीन में काम करने वाले कश्मीरी कैमरामैन को भी टैग किया है।
— Burhan Bhai (@Gazi_Burhan2) July 7, 2016
बुरहान वानी ने अपने साथी आतंकवादियों के साथ कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की थी। इस तस्वीर में वो और उसके साथी सेना की वर्दी में थे और सबने अपने हाथों में ऑटोमैटिक राइफल्स ले रखी थीं। इस तस्वीर के सामने आने के बाद कश्मीरी अलगाववादियों के बीच बुरहान किसी हीरो की तरह हो गया था। लेकिन सेना ने आखिरकार उसे अपने सही अंजाम तक पहुंचा दिया। नीचे की इस ग्रुप फोटो के ज्यादातर आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
आतंकवादी का ट्विटर एकाउंट कैसे?
इसके पीछे बड़ी वजह है भारत में ट्विटर का पॉलिटिकल और न्यूज हेड राहिल खुर्शीद। राहिल खुर्शीद को मनमोहन सरकार के वक्त में ट्विटर में नौकरी मिली थी। कहा यह भी जाता है कि उस वक्त की सरकार के राजनीतिक दबाव में राहिल खुर्शीद को ट्विटर ने अपने यहां इतने ऊंचे पद पर रखा। उससे पहले यह सीएनएन-आईबीएन चैनल में पत्रकार था। राहिल खुर्शीद कश्मीर में आतंकवादियों का बड़ा समर्थक माना जाता है। वो कई बार हिंदू देवी-देवताओं और त्योहारों पर भद्दे कमेंट करने के लिए विवादों में रह चुका है। अगर ट्विटर पर रहकर एक आतंकवादी भारत में गतिविधियां चला रहा है तो इसके पीछे राहिल खुर्शीद का अहम रोल समझा जाता है।
राहिल खुर्शीद की तरह ही जाकिर नाईक का कारोबार फलने-फूलने के पीछे बड़ी वजह पिछली कांग्रेस सरकार को माना जाता है। उसी दौरान पहली बार वो लोगों की नजरों में आया। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ उसकी करीबी रही है। इतने साल तक आतंक का ये गुरु देश में रहकर नौजवानों में कट्टरपंथ के बीज बोता रहा, लेकिन सरकार ने उसकी गतिविधियों को नजरअंदाज किया। अब जाकर पहली बार उसके साम्राज्य पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है।