केरल में पी विजयन ने 25 मई को नई वामपंथी सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनराई विजयन को पार्टी के सीनियर लीडर वीएस अच्युतानंदन की दावेदारी को ठुकराते हुए सीएम पद के लिए चुना गया है। मीडिया में इन दिनों विजयन की तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं, लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि उन्होंने एक बार खुलेआम राजनीतिक विरोधियों की हत्या करके उनकी लाश में नमक डालकर जमीन में गाड़ देने की वकालत की थी। यह बात उन्होंने खास तौर पर संघ और बीजेपी के समर्थकों के लिए कही थी। शायद यही वजह है कि विजयन के नाम का एलान होने के साथ ही केरल में आरएसएस और दूसरे हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों पर हमलों में तेज़ी आई है।
कत्ल का बंगाली स्टाइल या केरल का?
विजयन बेहद कट्टर लेफ्ट नेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं। उनके आपत्तिजनक बयानों के बावजूद नेशनल मीडिया में बैठे वामपंथियों ने कभी भी विजयन की सच्चाई देश के सामने नहीं आने दी। 2 साल पहले कांग्रेस के विधायक एपी अब्दुलकुट्टी ने केरल में कांग्रेस के मुखपत्र ‘वीकशनम'(Veekshanam) में एक लेख में एक ऐसी घटना का जिक्र किया था, जिससे विजयन का असली चेहरा सामने आ गया। पहले सीपीआई में रह चुके अब्दुलकुट्टी ने इस लेख में 2008 में कन्नूर में सीपीएम और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बारे में बताया है। इसमें बीजेपी के 5 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। इसके बाद तब के सीपीएम के राज्य सचिव पी विजयन ने अजिकोदन मंदिर में एक सभा बुलाई थी। जिसमें अब्दुलकुट्टी, पी करुणाकरन, सी सतिदेवी समेत कई सांसद और विधायक मौजूद थे। तब की सीपीएम सांसद पी सतिदेवी ने इस सभा में कहा कि “ऐसी हिंसा से संसद में उनका सिर शर्म से झुक जाता है और इन घटनाओं पर जवाब देना मुश्किल होता है। बीजेपी के सांसद लोगों के शवों की तस्वीरों को संसद में लहराते हैं। हम ऐसे बर्बर हत्याकांड का समर्थन नहीं कर सकते।” विजयन ने जो जवाब दिया वो बेहद चौंकाने वाला था। उनका कहना था कि “हमें बंगाल के कॉमरेडों से सीखना चाहिए। वो जब हत्या करते हैं तो खून का एक बूंद तक नहीं मिलता। वो पहले किडनैप करते हैं, फिर मारकर गड्ढे में नमक की बोरी के साथ गाड़ देते हैं। फिर किसी को न तो उनका खून मिलता है, न फोटो और न ही कोई सबूत।”
विजयन ने कहा कि हमें बंगाल के कॉमरेडों से सीखना चाहिए। वो जब हत्या करते हैं तो खून का एक बूंद तक नहीं मिलता। वो पहले किडनैप करते हैं, फिर मारकर गड्ढे में नमक की बोरी के साथ गाड़ देते हैं। फिर किसी को न तो उनका खून मिलता है, न फोटो और न ही कोई सबूत। (केरल कांग्रेस के नेता एपी अब्दुलकुट्टी के लेख का हिस्सा)
अब्दुलकुट्टी ने अपने लेख में आगे बताया है कि कैसे जब उन्होंने दिल्ली आकर बंगाल से सीपीएम के सांसद अनिल बसु से इस बारे में बात की तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की। बसु ने बताया कि “हां, बंगाल में यह स्टाइल बेहद आम है। आपका केरल वाला तरीका बहुत पुराना और बर्बर है। बंगाल में हम एक बूंद भी खून नहीं बहाते। यहां तक कि हड्डियों के निशान भी बाकी नहीं बचते।” पी विजयन को रूस के हत्यारे तानाशाह स्टालिन का कट्टर समर्थक माना जाता है।
केरल में वामपंथी हिंसा का तांडव
पी विजयन के इस इतिहास का असर केरल के सियासी माहौल पर अभी से दिखने लगा है। संघ विचारक राकेश सिन्हा ने फेसबुक पर बताया है कि कैसे वहां पर अभी से हिंसा का तांडव शुरू हो चुका है। “अब तक संघ के करीब 70 स्वयंसेवकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हो चुके हैं। इनमें प्रमोद नाम के एक कार्यकर्ता की मौत भी हुई है। उन्होंने लिखा है कि सीपीएम का नया नाम होना चाहिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ मर्डरर्स।” हैरत की बात है कि इतनी बर्बर सोच रखने वाला व्यक्ति मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहा है और राष्ट्रीय मीडिया उसका महिमामंडन कर रही है। बीजेपी ने आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हिंसा की इन घटनाओं पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है। लेकिन दिल्ली में मीडिया हाउसों में बैठे वामपंथी संपादकों ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत बीजेपी के विरोध को ज्यादा तूल नहीं दिया।
Assault, violence & killings of BJP workers & @RSSorg sympathizers in Kerala shall not be tolerated: Shri @rsprasad https://t.co/Wi1SlZYwju
— BJP (@BJP4India) May 21, 2016
पी विजयन के इतिहास को देखते हुए सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी सीएम बनाए जाने का विरोध किया है। कई लोगों ने यहां तक कहा है कि विजयन की लोकतंत्र में भी कोई आस्था नहीं है।
@cpimspeak under P.Vijayan practicing the most extreme fascism & stalinism maiming @BJP4India workers. A murderous party unfit for democracy
— Dr. Anirban Ganguly (@anirbanganguly) May 21, 2016
After victory of #pinarayi Vijayan, houses of karyakarthas of BJP attacked in kannur. #CPMKills #CPMTerror pic.twitter.com/dt7kBL4r3O
— Harikrishnan (@Harikri53280364) May 21, 2016