देश की राजधानी में 2000 से ज्यादा लोग अस्पतालों में डेंगू का इलाज कराने के लिए भर्ती हैं। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी विज्ञापनों का सिलसिला शुरू हो चुका है कि मच्छरों से अपना बचाव करें, घर में पानी न जमने दें, डरें न वगैरह-वगैरह। लेकिन सच्चाई यही है कि डेंगू के मच्छर फैलाने में केंद्र और दिल्ली सरकार सबसे आगे हैं। छोटे-मोटे ऑफिस ही नहीं, राष्ट्रपति भवन से लेकर बड़े-बड़े अस्पतालों तक में डेंगू के मच्छर पल रहे हैं।
- अब तक राष्ट्रपति भवन को डेंगू के मच्छर फैलाने पर 90 नोटिस भेजे जा चुके हैं।
- गृह मंत्रालय के दफ्तर में लगे कूलरों में डेंगू के लार्वा पाए गए, जिस पर उनका चालान भी कटा।
- वित्त मंत्रालय के दफ्तर में गमलों में पानी जमा पाया गया, जिस पर उन्हें नोटिस दिया जा चुका है।
- राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 4 चालान कट चुके हैं और 14 नोटिस थमाया जा चुका है।
- लेडी हार्डिंग अस्पताल को भी अब तक 8 नोटिस दिया गया, जबकि एक चालान कटा।
- सबसे बड़े अस्पताल एम्स का 9 बार चालान कट चुका है और 22 नोटिस भेजे गए हैं।
- सफदरजंग अस्पताल में गंदगी के 12 नोटिस भेजे गए, जबकि 6 बार चालान काटे गए।
- सफदरजंग एयरपोर्ट की नर्सरी में डेंगू के लार्वा पाए गए, जिस पर उनका चालान कट चुका है।
- अब तक दिल्ली की 193 अहम सरकारी इमारतों में डेंगू के लार्वा पाए जाने पर चालान कट चुका है ।
- दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार की अलग-अलग बिल्डिंगों को 3365 नोटिस भेजे जा चुके हैं।
आप खुद ही समझ सकते हैं कि जब सरकारें खुद ही डेंगू के मच्छर पाल रही हैं तो जनता से क्या उम्मीद करें। ऐसा नहीं है कि जनता डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार नहीं है। तमाम बड़े बाजारों में दुकानदारों के कूलर और एसी से लेकर घरों में लगे कूलर और एसी में डेंगू के लार्वा फलते-फूलते पाए गए हैं।