भगवान की पूजा करनी हो तो अगरबत्ती के बिना तो काम ही नहीं चलता। अक्सर हम सुबह-शाम अपने घरों में अगरबत्ती जलाते हैं। लेकिन अब पता चला है कि अगरबत्ती का धुआं फेफड़े के कैंसर की वजह बन रहा है। पूजा में अगरबत्ती का इस्तेमाल हिंदू ही नहीं, बल्कि लगभग सभी धर्मों में होता है। चीन में हुए एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लगभग सभी तरह की अगरबत्तियों में से जो धुआं निकलता है वो बेहद खतरनाक होता है। इससे होने वाला नुकसान सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा होता है।
क्या कहती है रिसर्च
साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में दुनिया भर में बिकने वाली लगभग सभी तरह की अगरबत्तियों के धुएं का चूहों पर होने वाले असर का टेस्ट किया गया। जो नतीजे आए वो बेहद डरावने हैं। इस धुएं के असर से डीएनए और जेनेटिक स्ट्रक्चर में बदलाव (म्यूटेशन) हो जाते हैं। जिसका सीधा असर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के शक्ल में सामने आता है।
मंदिर की हवा स्मोकिंग ज़ोन से भी खतरनाक
ताइवान के एक बौद्ध मंदिर की हवा की जांच की गई तो पाया गया कि वहां कैंसर पैदा करने वाली गैस किसी दफ्तर के स्मोकिंग ज़ोन से 40 गुना ज्यादा थीं। यहां तक कि ट्रैफिक रेडलाइट का प्रदूषण भी एक मंदिर के अंदर की हवा के मुकाबले कम ज़हरीला पाया गया।