गुजरात के भावनगर में घोड़ा रखने पर एक दलित युवक की हत्या की खबर फर्जी निकली। देशभर के अखबारों और चैनलों ने दो दिन पहले खबर दी थी कि भावनगर में घुड़सवारी का शौक रखने वाले एक दलित नौजवान प्रदीप राठौड़ की ऊंची जाति के लोगों ने हत्या कर दी। जबकि पुलिस की जांच में कुछ और ही कहानी सामने आई है। दलित युवक की हत्या तो हुई है, लेकिन हत्यारे उसी की जाति के और करीबी रिश्तेदार हैं। पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा है, जो कि रिश्ते में मारे गए लड़के का ही चचेरा भाई है। दूसरा आरोपी अभी फरार है। ये मामला भावनगर के टिंबी गांव का है। गांव के कई अन्य दलित परिवारों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हत्या का दलित-सवर्ण झगड़े से कोई लेना-देना नहीं है।
परिवार वालों ने लगाया झूठा आरोप
भावनगर के एसपी प्रवीण मल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घटना की पूरी जानकारी दी है। जांच के मुताबिक 21 साल के प्रदीप राठौड़ की हत्या के बाद मामले को सियासी रंग देने के लिए परिवारवालों ने झूठी कहानी फैला दी कि उसकी हत्या घोड़े पर बैठने के कारण हुई है। परिवारवालों ने हत्या का आरोप गांव के ही ऊंची जाति के लोगों पर लगा दिया। जबकि मामले का घोड़े की सवारी से कोई लेना-देना नहीं था। यह जानकारी सामने आई कि ये लड़का घोड़े पर बैठकर गांव के ही एक स्कूल की लड़कियों से छेड़खानी किया करता था। ये लड़कियां भी दलित परिवारों की ही थीं। इस बात को लेकर उसका लड़कियों के परिवारवालों से कई बार झगड़ा भी हो चुका था। इसके अलावा उसका अपने चचेरे भाइयों से जमीन विवाद का मामला भी सामने आया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ करके हत्या का सही कारण जानने में जुटी है।
कांग्रेस के इशारे पर छपी फर्जी खबर?
गुजरात में घोड़े पर बैठने के लिए दलित युवक की हत्या की ये खबर देश भर के अखबारों और चैनलों में प्रमुखता के साथ दिखाई गई। बिना पुलिस जांच के सिर्फ एक पक्ष के आरोप के आधार पर छपवाई गई इस खबर के पीछे भी कांग्रेस का हाथ माना जा रहा है। एनडीटीवी, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया और आजतक ने पहले इस फर्जी खबर को छापा और फिर कई कांग्रेसी नेताओं और पत्रकारों ने सोशल मीडिया के जरिए फैलाकर दुष्प्रचार करने में पूरी ताकत लगा दी। यहां तक कि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी इस खबर को रीट्वीट किया। पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि कैंब्रिज एनालिटिका नाम की एजेंसी की मदद से कांग्रेस ऐसी फर्जी खबरें फैलाने में जुटी है जिससे हिंदुओं में जातीय नफरत फैलाकर चुनावी फायदा उठाया जा सके। यह खबर और उसे फैलाने वालों को अगर कैंब्रिट एनालिटिका से पैसे मिले हों तो इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है।
No evidence found in primary investigation which proves he was killed for keeping a horse. There could have been some personal conflicts which may have led to his murder. Further investigation underway: Pravin Mal, Bhavnagar SP on Dalit youth Pradeep Rathod’s murder #Gujarat pic.twitter.com/gLhkcPoIQA
— ANI (@ANI) March 31, 2018
नीचे आप देख सकते हैं कि मीडिया ने किस बेशर्मी के साथ योजनाबद्ध तरीके से झूठी खबर फैलाई।
#ExpressFrontPage | For riding horse, upper caste men kill Dalit youth in Gujarat https://t.co/RIgijxrGos
— The Indian Express (@IndianExpress) March 31, 2018
Dalit man killed in Gujarat for riding horse, say police https://t.co/zwkQhFauw9 pic.twitter.com/dS4xeoT6N6
— NDTV (@ndtv) March 30, 2018
गुजरात के भावनगर में एक दलित युवक की दबंगों ने सरेआम हत्या कर दी.
(@gopimaniar की रिपोर्ट)https://t.co/mCtlGCxF8J— आज तक (@aajtak) March 30, 2018
इस मामले में मीडिया के रवैये के खिलाफ सोशल मीडिया में लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है। कई लोगों ने अफवाह उड़ाने वाले अखबारों और चैनलों के पत्रकारों को गिरफ्तार करने की भी मांग की है।
2 दिनो से मीडिया में यह खबर चला कि भावनगर में एक दलित युवक ने घोड़ा खरीदा तो गांव के सवर्णो ने उसकी हत्या कर दीअभी भावनगर के पुलिस अधीक्षक ने pcकरके पूरी सच्चाई बताई उस युवक की हत्या जमीन के विवाद में उसके ही चचेरे भाइयों द्वारा की गई एक हत्या आरोपी पकड़ा गया है
— Sudheer Kushwaha (@Sudheer13076352) April 1, 2018
आज तक वालो हमेशा ऐसी ही खबरे दिखाते हो।अभी कुछ दिन पहले दिखाए की सवर्णो ने गुजरात मे एक दलित की हत्या इस लिए कर दी क्योंकि वो घोड़ा रखा था।जबकि जांच में पता चला कि उसकी हत्या उसके भाई ने ही की थी।इसमे भी कोई इस तरह का ही विषय होगा।
— पं.नीलाम्बर मिश्र (@MNEELAMBAR) April 1, 2018